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Reducing police torture against Muslim at Grass root level by engaging and strengthening Human Rights institutions in India

Thursday, August 14, 2014



सेवा में, 14, अगस्त, 2014 
श्रीमान अध्यक्ष महोदय,
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग,
नई दिल्ली |

विषय : उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में विधवा महिला व उसके बेटो को एस.ओ.जी. वालो द्वारा परेशान करने, धमकी देने और आधी रात में घर में घुसकर तलाशी लेने और गाली देने के सम्बन्ध में |
महोदय,
आपको यह अवगत कराना है कि हसीना बीबी पत्नी स्व0 करीम खां, ग्राम - पचरांव (धन्नीपुर), पोस्ट - पचरांव, थाना - चौबेपुर, जिला - वाराणसी, उत्तर प्रदेश की निवासिनी है | पीडिता के कुल 6 पुत्र है जिसमे से चौथे नम्बर का पुत्र अज़ीम जो कि अपराधी प्रवृत्ति का है जिसको सुधारने का बहुत प्रयास किया गया पर वो अपनी मनमानी करता रहा जिसे देखते हुए सन 2010 में ही उसके पिता करीम खान द्वारा उसे बेदखल कर दिया था और पेपर में ये गजट भी करवाया था कि अज़ीम से उसके घर का कोइ भी लेना देना नहीं है और सन 2010 से ही अज़ीम दुबारा कभी घर नहीं आया और न ही घर के किसी सदस्य से कभी मिला | यहाँ तक की कभी मोबाईल से भी बात नहीं हुयी | 
आपको यह भी अवगत कराना है कि पीडिता पहले 174/L लहरतारा, उत्तर रेलवे कालोनी, वाराणसी में अपने परिवार के साथ रहती थी | लेकिन उसी समय वर्तमान पते चौबेपुर में 27 नवम्बर, 2010 को एस.ओ.जी. वाले अज़ीम को खोजते हुए पीडिता के घर पर आये जिनकी संख्या 15-20 थी | उन्होंने अज़ीम को दौड़ाया और अज़ीम वहां से भाग गया | जिसपर एस.ओ.जी. वाले पीडिता के दुसरे नम्बर के बेटे वकील अहमद को उठा ले गए जो कि ऑटो चलाकर अपने परिवार का भरण पोषण करता है | उसके ऊपर कई फर्जी मुकदमा लगा कर जेल भेज दिया और उसे जेल में 2 से 3 महीने तक रहना पडा | बड़ी मुश्किल से उसे जमानत पर छुडाया गया | 
एस.ओ.जी. वाले बीच बीच में अक्सर घर पर आकर पीडिता के घर वाले को परेशान करते और अज़ीम के बारे में पूछते और कहते कि उसे हाजिर कर दो नहीं तो तुम्हारे सभी बेटो को जेल भेज देंगे | जिससे पीडिता हमेशा डरी रहती | पूर्व में भी पीडिता ने इसकी शिकायत कई उच्चाधिकारियो से की पर कोइ भी सुनवाई नहीं हुई | इसी बीच 20 सितम्बर, 2012 को शाम 5 बजे एस.ओ.जी वाले पीडिता के घर पर आये और अज़ीम के बारे में पूछने लगे और पूरे घर की तलासी लिए और न मिलने पर पीडिता के पति करीम खान, उसके पुत्र मो0 इमरान जिसकी उम्र 17 वर्ष थी उठा ले गए | जिसकी सुचना पीडिता ने फैक्स, टेलीग्राम के माध्यम से पुलिस के उच्चाधिकारियो को की जिसके बाद रात में 2 बजे पीडिता के पति को तो उन लोगो ने छोड़ दिया परन्तु उसके नाबालिग पुत्र के ऊपर गैगस्टर समेत कई धारा लगाकर चालान कर जेल भेज दिया | लगभग तीन महीने बाद उसे भी जमानत पर छुड़ाया गया | 
एस.ओ.जी. वालो के इस गैर कानूनी रवैये से पीडिता के पति इतने परेशान हो गए कि उनकी मृत्यु हार्ट अटैक से हो गयी | पुनः एस.ओ.जी वाले 14 जून 2014 को सुबह 5 बजे 15-20 की संख्या में आये और पुनः उसके पुत्र वकील अहमद को उठा ले गए | जिसके बाद डी.एम. और एस.एस.पी., आई जी, थान्ध्यक्ष चौबेपुर के यहाँ शिकायत करने पर शाम 3 बजे उसे छोड़ दिया | 
11 अगस्त, 2014 को रात 11:30 बजे पुनः एस.ओ.जी. वाले 10-15 की संख्या में आये और घर की तलाशी लिए और पूरे घर का सामान बिखेर दिया और घर में 2000/ रुपये रखे थे जिसे वो लोग उठा ले गए | इसके साथ ही घर पर खडी हीरो होंडा मोटरसाईकिल की तस्वीर मोबाईल से खीच कर ले गए | साथ ही धमकी दे रहे थे कि यदि अज़ीम को पेश नहीं किया तो अबकी बार पूरे घर को जेल में डाल देंगे कोइ जमानत भी नहीं करवा पायेगा और जेल में पूरी जिन्दगी ख़त्म हो जायेगी |    
जबकि पूरा गाँव इस बात की गवाही दे सकता है कि अज़ीम कभी भी पीडिता के घर पर नहीं आया और न ही किसी भी परिवार के सदस्य से कोइ सम्बन्ध है | एस.ओ.जी ने पूरे घर का मोबाईल टेप कर रही है | लेकिन कभी भी कोइ सबूत नहीं मिला कि अज़ीम का समब्ध घरवालो से है | इसके बाद भी एस.ओ.जी. वाले आये दिन पीडिता को परेशान कर रहे है और एक एक कर उसके पुत्रो को फर्जी केस में फसा रहे है |
अतः आपसे अनुरोध है कि कृपया आप इस मामले को संज्ञान में लेते हुए पीडिता और उसके निर्दोष बेटो को एस.ओ.जी वालो के इस गैर कानूनी हरकत से बचाने के लिए स्वतंत्र एजेंसी से जांच का आदेश दे जिससे दोषी एस.ओ.जी. वालो को सजा मिल सके और पीडिता और उसका परिवार अमन व शांति से रह सके | 

संलग्नक : 
1. लॉदावा घोषणा पत्र की प्रति |
2. पेपर गजट की प्रति |
3. ग्राम प्रधान द्वारा दिया गया प्रमाण पत्र की प्रति | 
4. पूर्व में भेजी गयी लिखित शिकायत की प्रति |

भवदीय 
डा0 लेनिन रघुवंशी 
महासचिव 
मानवाधिकार जननिगरानी समिति 
सा 4/2 ए दौलतपुर, वाराणसी 

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