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Reducing police torture against Muslim at Grass root level by engaging and strengthening Human Rights institutions in India

Tuesday, June 11, 2013

वाराणसी निवासी अब्दुल कलाम उर्फ़ सुन्दर को पुलिस द्वारा बिना किसी अपराध के फर्जी केस में फ़साने के सन्दर्भ में |

सेवा में.                                          11 जून, 2013

पुलिस महानिदेशक महोदय,

वाराणसी,

उत्तर प्रदेश |


विषय : वाराणसी निवासी अब्दुल कलाम उर्फ़ सुन्दर को पुलिस द्वारा बिना किसी अपराध के फर्जी केस में फ़साने के सन्दर्भ में |


महोदय,

      आपको यह अवगत करना कि पीड़ित अब्दुल कलाम उर्फ़ सुन्दर पुत्र श्री अब्दुल मन्नान, सी-16/72 लहंगपुरा, थाना-सिगरा, जिला-वाराणसी का रहने वाला है | पीड़ित एक सामाजिक व्यक्ति है और इसका कभी भी अपराध से कोइ भी लेना देना नहीं रहा है और न ही किसी थाने में कोइ शिकायत ही कभी दर्ज हुई है | पीड़ित जरदोजी का काम करता है व अपने मोहल्ले में प्रतिष्ठित व्यक्ति के रूप में जाना जाता है | परन्तु 26 फरवरी, 2013 को पीड़ित दुलहीपुर में अपने दोस्त के घर पर गया हुआ था और रात में सो रहा था लेकिन रात 1:00 बजे के करीब सादे कपड़ो में कुछ लोग पीड़ित को मलिक नाम का व्यक्ति समझकर उठा ले गए | बाद में पता चला कि वो लोग SOG वाले है | वो लोग पीड़ित को उठाकर वाराणसी स्थित होटल डी पेरिस में ले गए | वहां पर एक कमरे में पहले से एक व्यक्ति मौजूद था उससे SOG वालो ने पीड़ित को पहचानने को कहा तो उसने पहचानने से इनकार कर दिया कि वो पीड़ित को नहीं पहचानता | साथ ही पीड़ित से भी उक्त व्यक्ति को पहचानने के लिए कहा गया तो पीड़ित ने भी पहचानने से इनकार कर दिया | इसके बाद SOG वाले पीड़ित को बहुत मारे और बोले कि कबूल करो कि तुम ही मलिक हो लेकिन पीड़ित ने उन्हें अपना नाम अब्दुल कलाम उर्फ़ सुन्दर बताया तो वे लोग फिर मारने लगे और कहने लगे कि कहो कि तुम ही मलिक हो | पीड़ित को पूरी रात मारते रहे | दोपहर करीब 12:00 बजे कृष्णा सेठ उर्फ़ मलिक का मोबाईल चालू हुआ वो SOG वाले भी हैरान हो गए कि मलिक तो उनके सामने बैठा है तब यह मोबाईल कौन आपरेट कर रहा है | जल्द ही उस नंबर को ट्रेस करके SOG वाले उसे पकड़ने के लिए निकल गए | कृष्णा सेठ उर्फ़ मलिक को इलाहाबाद से गिरफ्तार कर लिया और उसने कबूल भी कर लिया कि वो ही मलिक है | इसके बाद रास्ते से ही एक और व्यक्ति हैदर को भी उन लोगो ने उठा लिया |

      इसके बाद वो लोग उन दोनों को लेकर पुनः होटल आये और मलिक से पीड़ित को पहचाने को कहा लेकिन मलिक ने नहीं पहचाना क्योकि पीड़ित का कोइ आपराधिक काम नहीं था | फिर पीड़ित और हैदर को एक कमरे में बंद कर दिया | दूसरे कमरे में मलिक से पूछ ताछ करने लगे उसके बाद रात में ही मलिक की निशानदेही पर कई लोगो को उन लोगो ने रात में उठाया | इसके बाद पीड़ित व अन्य लोगो को पुलिस लाइन ले कर गए | वहा पर मीडिया के सामने पेश करने के बाद 27 फरवरी, 2013 को कैंट थाने ले जा कर पीड़ित सहित 6 लोगो का चालान कर दिया |

      पीड़ित का दोस्त हैदर है जो उसके साथ पिछले 15 वर्षो से सउदिया अरब में रहा रहा था और साथ काम कर रहा था | उसके बाद दोनों भारत वापस आ गए और हैदर ने अपराधी किस्म के लोगो से दोस्ती कर ली लेकिन पीड़ित का उसके अपराधिक जीवन से कोइ भी लेना देना नहीं रहा | चुकी इतनी लम्बी दोस्ती होने के नाते उन लोगो में बोल चाल थी और साथ ही हैदर सिलाई का काम करता था और पीड़ित जरदोजी का काम तो काम के सिलसिले में भी बात चीत थी | लेकिन पुलिस और SOG ने पीड़ित को बिना किसी प्रमाण के ही इन लोगो के साथ फर्जी तरीके से मुकदमा दायर कर दिया | जबकि मोहल्ले में पता करने पे यह पता चल जाएगा कि पीड़ित निहायती शरीफ व्यक्ति है किसी भी आपराधिक गतिविधि या अपराधी प्रवृति के लोगो से कोइ भी लेना देना नहीं है | पुलिस और SOG के पास कोइ भी प्रमाण नहीं है कि पीड़ित का कोइ भी वास्ता इन अपराधियों के साथ है | केवल हैदर जो कि अपराधी प्रवृति का व्यक्ति है उससे बात चीत करने के कारण पुलिस व SOG वालो ने पीड़ित को झूठे मुक़दमे में फर्जी तरीके से फसाया है | साथ ही इसी मामले में SOG और पुलिस वालो ने पीड़ित के भाई शेरू, इमरान और तनवीर को भी उठाया था और तीन दिन के बाद उन्हें छोड़ा था वे सभी नाबालिग थे उसमे से एक मानसिक रूप से बीमार भी था |  

      अतः आपसे निवेदन है कि इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच उच्च अधिकारियो से कराते हुए दोषी SOG और पुलिस वालो पर न्यायोचित कार्यवाही और पीड़ित को राहत दिलाने की कृपा करे |

     

 

भवदीय

डा0 लेनिन

महासचिव,

मानवाधिकार जननिगरानी समिति

सा 4/2 ए दौलतपुर, वाराणसी

91-9935599333

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