PVCHR initiative supported by EU

Reducing police torture against Muslim at Grass root level by engaging and strengthening Human Rights institutions in India

Monday, May 9, 2011

Fwd: “सहसपुर (मुरादाबाद) का साम्प्रदायिक पुलिस उत्पीडन :-कानून का राज खतरे मे ?’’



---------- Forwarded message ----------
From: DIG Police ComplaintCell Lucknow <digcomplaint-up@nic.in>
Date: 2011/5/9
Subject: Fwd: "सहसपुर (मुरादाबाद) का साम्प्रदायिक पुलिस उत्पीडन :-कानून का राज खतरे मे ?''
To: digmdd@gmail.com, Senior Superintendent of Police Moradabad <sspmdd-up@nic.in>, digrmdd <digrmdd@up.nic.in>
Cc: pvchr.india@gmail.com


To,

          D.I.G./S.S.P., Moradabad,

          The complaint Dr. lenin, PVCHR,  E-Mail to: - pvchr.india@gmail.com is being forwarded for enquiry and necessary action. If there is no legal hassle regarding this matter then kindly send brief reply to the complainant regarding action taken.

 

Addl.S.P. (P/G),

D.G.P. Hqrs, U.P. 

Lucknow.   



----- Original Message -----
From: UP Police Computer Cetre Lucknow <uppcc-up@nic.in>
Date: Monday, May 2, 2011 3:58 pm
Subject: Fwd:  "सहसपुर (मुरादाबाद) का साम्प्रदायिक पुलिस उत्पीडन :-कानून का राज खतरे मे ?''
To: DIG Police ComplaintCell Lucknow <digcomplaint-up@nic.in>
Cc: PVCHR ED <pvchr.india@gmail.com>

> Sir
> The message from above mail is being forwarded to your kind attention and response.
> UPPCC

>
> ----- Original Message -----
> From: PVCHR ED <pvchr.india@gmail.com>
> Date: Monday, May 2, 2011 3:58 pm
> Subject: "सहसपुर (मुरादाबाद) का साम्प्रदायिक पुलिस उत्पीडन :-कानून का राज खतरे मे ?''

> "सहसपुर (मुरादाबाद) का साम्प्रदायिक पुलिस उत्पीडन :-कानून का राज खतरे मे ?''

> मुरादाबाद-आगरा-दिल्ली, मुख्य मार्ग पर मुरादाबाद से 27 किलोमीटर दूर मुरादाबाद जिले के बिलारी थाना स्थित लगभग 15 हजार आवादी वालें (8000 हिन्दू , 7000 मुस्लिम) 'सहसपुर' गांव में 16 फरवरी 2011 को 'बरावफात' के जुलूस के दौरान पुलिस ताण्डव की घटना, शासन की साम्प्रदायिक सोच के परिणाम स्वरुप अल्पसंख्यकों की मन स्थिति, भय, नुकसान, आजिविका को संकट पर ये पंक्तिया सटीक बैठती है।

> घर जला जिसका उसको सजा,

> जुल्म की इन्तहा हो गयी।

> फुल गुलचिया उठा ले गया,

> बागवां को सजा हो गयी।'

> 'सहसपुर' अपनी सहिष्णुता के  लिए प्रसिद्ध धारावाहिक 'कौन बनेगा करोड़पति' पर एक सवाल के जवाब के सन्र्दभ में आया था। ''दशहरा और होली'जैसे प्रमुख त्योहार जहाँ हिन्दू से ज्यादा मुस्लमान मनाते है।वही दूसरी तरफ यह इलाका अल्पसंख्यक केन्द्रित जिला मुरादाबाद का हिस्सा है जहा  अल्पसंख्यक कल्याण का प्रधानमंत्री का 15 सुत्रीय कार्याक्रम भी चल रहा है. पिछले 'बरावफात' के समय परम्परागत मार्ग से निकलने वाले जुलूस के मार्ग के क्षतिग्रस्त होने के कारण हिन्दूओं ने जुलूस को दूसरे मार्गो से निकलने के लिए स्वयं सुझाव दिया। उसी 'सहसपुर' के मुस्लिम बुनकरों के 'घर'  इस बार की  'होली' पर खाली है, अधिकतर मुस्लिम परिवार हिन्दू त्योहार पर किसी किसी बहाने दूसरी जगह चला गया है। 'सहिष्णुता' के जवाब के रुप में आने वाले 'सहसपुर' के मुस्लिम बुनकरों की 'चुप्पी' 16 फरवरी 2011 के  दिन बरावफात के जुलूस के समय घटित घटना के पश्चात्  'उत्तर प्रदेश शासन' की धर्मनिरपेक्षता पर सवाल खड़ा करती है। घटना के दो माह बाद भी पीडि़तों की खामोशी, उनके अन्दर का भय प्रशासन की प्रताडना, क्रुरता स्वयं वयां करती है।

> घटना के चश्मदीद गवाहों एवं पैरोकारो के अनुसारः-

> सार्वजनिक स्तर पर कोई भी पीडि़त घटना के सम्बन्ध में बात नही करता। व्यक्तिगत बातचीत में घटना के सम्बन्ध में मोहम्मद वसीम बताते है कि 'इसके पूर्व यहाँ पर हिन्दू-मुस्लमान के बीच कभी भी कोई विवाद नही हुआ है। पिछले 'बरावफात' पर मार्ग क्षतिग्रस्त होने पर स्वयं हिन्दूओं ने नये मार्ग से जुलूस निकालने का प्रस्ताव रखा था। इस बार जुलूस जब आगे बढ़ा तो ग्राम प्रधान 'किशन सिंह जाटव' अन्य जाटव युवको ने जुलूस को आगे बढ़ाने से रोक दिया। जुलूस की सुरक्षा के  लिए स्थानीय ऍस.डि.ऍम. साथ चला रहे थे।ऍस.डि.म  ने पहले जुलूस को आगे बढ़ाने के लिए वार्ता की शुरुआत की परन्तु तभी उनके मोबाइल पर एक फोन आया और उन्होने जुलूस को पिछे की ओर से दुसरे मार्ग से ले जाने को कहा। मुस्लिम और स्थानीय अधिकारियों में बहस होने लगी। इसी दौरान जाटवों के घरों की छतों से पत्थर बाजी शुरु हो गयी। पुलिस ने लाठ़ी चार्ज कर दिया। लोग भागने लगे तो कुछ मुस्लिम युवको ने भी बचाव में पत्थर बाजी की। इस भगदड़ में एक बारह वर्षीय मुस्लमान बालक(शाहिबे अली,पुत्र अबदुल हक) की मौत हो गयी। स्थिति की गम्भीरता  को देखते हुए रैपिड एक्शन फोर्स और पी.ऍ.सी. को बुलाया गया। पुलिस वालों ने गैस के गोले छोड़े, जो लोगों के घरों में जाकर गिरे। पुलिस और जाटव दोनों मिलकर मुस्लमानों के घरों में घुसकर औरतों, बच्चों और पुरुषों को पीट रहे थे। घरों के दरवाजें तोड़ दिये गये। एक तरफ जाटव घरों को लूट रहे थे, तो दूसरी तरफ पुलिस  पीटने में व्यस्त थी।"  

> मो0 हाफिज घटना को याद करते हुए सहमी हुए आवाज मे  कहते है कि 'पथराव के बाद मै  भागकर अपने घर गया पुलिस वाले औरतों और बच्चों को पीटकर छोड़ देते थे, परन्तु युवको तथा बुजुर्गो  को गिरफ्तार कर रहे थे। मै  डर से कई कपडे़ लपेट कर बंडल की तरह <SPAN style="FONT-




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Dr. Lenin
Executive Director/Secretary General -PVCHR/JMN
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Hatred does not cease by hatred, but only by love; this is the eternal rule.
--The Buddha
 
"We are what we think. With our thoughts we make our world." - Buddha
 
 
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